क्या आप उन लोगों में से एक हैं जो माइक उठाकर पूरे रूम को टेक ओवर कर सकते हैं? लेकिन जब आपको अपना ये टैलेंट दिखाने का मौका मिलता है तो आपका कॉन्फिडेंस आपका साथ छोड़ देता है? अगर हाँ, तो चिंता मत कीजिये आप बिलकुल सही ब्लॉग पर आये हैं !
स्टेज के डर से मुंह सूखना, तेज सांस लेना, दिल की धड़कन बढ़ जाना और जी मिचलाना जैसी समस्याएं होती हैं। अगर आप लोगों के समूह के सामने खड़े होने और परफॉर्म करने से डरते हैं तो आप अकेले नहीं हैं। अधिकांश लोग दर्शकों के सामने परफॉर्म करने या बात करने के बजाय मक्खियाँ पकड़ना ज्यादा पसंद करेंगे।
परफॉरमेंस एंग्जायटी आपके सेल्फ-एस्टीम और कॉन्फिडेंस पर भी नेगटिव इम्पैक्ट डाल सकती है। ऐसे कई तरीके हैं जिन्हे अपनाकर हम अपने इमोशंस को कंट्रोल और परफॉर्मेंस एंग्जायटी को काम कर सकते हैं। इन तरीकों ने मेरे स्टेज फोबिआ को भी काफी हद तक खत्म कर दिया है। तो आइये इन तरीकों पर एक नज़र डालते हैं।
प्रैक्टिस, प्रैक्टिस, प्रैक्टिस
अगर आपके पास स्टेज पर बोलने के लिए स्टफ मौजूद है तो इसका मतलब ये नहीं है कि आपका स्टेज फियर का इशू खत्म हो जायेगा। आपको पब्लिक में बोलने या परफॉर्म करने वाले दिन से पहले जितनी हो सके उतनी प्रैक्टिस करनी चाहिए। इससे आप अपने कंटेंट को ज्यादा अच्छे से समझ और याद कर पाएंगे और इससे आपका कॉन्फिडेंस बढ़ेगा।
डीप ब्रेथ
अपनी आँखें बंद करके डीप ब्रेथ लेना, स्टेज एंग्जायटी का मुकाबला करने का एक मजबूत तरीका है। शुरू करने के लिए बस तीन गहरी सांसें लें, जिससे आपकी बॉडी रिलैक्स हो जाएगी। कई अध्ययनों से पता चला है कि डीप ब्रेथ सेशन आपकी एंग्जायटी को काफी काम कर सकता है। स्टेज फियर ये जुडी भावनाएं आमतौर पर परफॉर्मेंस से पहले सबसे स्ट्रांग होती हैं से पहले सबसे मजबूत होती हैं, इसलिए स्टेज पर जाने से पहले ब्रीथिंग के लिए थोड़ा टाइम निकालें।
इससे लड़ने की कोशिश न करें
आपको उम्मीद करनी चाहिए और स्वीकार करना चाहिए कि आप घबराएंगे, खासकर अपनी परफॉर्मेंस के शुरुआती कुछ मिनटों के दौरान। आप अपनी एंग्जायटी से जितना लड़ेंगे, वह उतनी ही मजबूत होती जाएगी। पब्लिक में बोलते समय, एक बार फिर से परफॉर्मेंस पर फोकस करें और तनाव धीरे-धीरे कम हो जाएगा।
पहले पांच मिनट में कोशिश करें
मान लें कि आपकी परफॉर्मेंस केवल पांच मिनट लंबी है। इससे तनाव कम होगा। केवल पहले पांच मिनट को निकालने पर कंसन्ट्रेट करें; तब तक आप शांत हो चुके होंगे और बाकी सब आसान हो जाएगा।
अपने आप से बात करें
आपको यह समझना चाहिए कि, स्टेज फियर “सब सिर में है,” यह खुद को फिजिकली एक्सप्रेस शारीरिक करता है। सबसे एफ्फेक्टिव तरीका है अपनी खराब स्पीच को एडजस्ट करना। “अगर मैं कंटेंट भूल जाऊं तो क्या होगा?” के बारे में परेशान होना बंद करें।
इसे पॉज़िटिव सोच में बदलें, जैसे, “क्या होगा अगर मैं वास्तव में इसमें अच्छा हूँ?” पॉज़िटिव अफर्मेशन, हो सकता है ये आपको बहुत कॉम्प्लिकेटेड या बहुत सिंपल लगे, लेकिन ये आपको पब्लिक में बोलते समय स्टेज फियर को खत्म करने की दिशा में एक लंबा रास्ता तय करेगी।
एक पॉज़िटिव आउटकम की इमेजिनेशन करें
एथलीट, चेस ग्रंड्मास्टर्स और थ्योरेटिकल फैसिकिस्ट्स पॉजिटिव विसुअलाइज़ेशन का यूज़ करते हैं, और आपको भी करना चाहिए ! दूसरे शब्दों में, अपनी परफॉर्मेंस को सक्सेसफुल बनाने में खुदकी की हेल्प करें! पॉजिटिव आउटकम की उम्मीद में जितना ज्यादा टाइम और प्रैक्टिस आप लगते हैं उतना ही आप रियल लाइफ में अपने पेरोफॉर्मेन्स के लिए प्रीपेर होते जाते हैं।
सबसे खराब सिचुएशन के बारे में सोचें
अगर आप परफॉर्मेंस से पहले आराम नहीं कर सकते हैं, तो सबसे खराब सिचुएशन को इमेजिन करके खुदको एंटरटेन करें। खुद को सबसे खराब सिचुएशन को इमेजिन करने के लिए तैयार करना अक्सर काफी एंटरटेनिंग होता है और आपकी टेंशन और स्ट्रेस को काम करने में काफी मदद करता है।
शांत रहें, जल्दबाजी न करें
एंग्जायटी में अपनी परफॉर्मेंस की स्पीड न बढ़ाएं। धीरे-धीरे शुरू करें और अपने आप को एक कम्फर्टेबल स्पीड में सेटल होने के लिए टाइम दें। आपको ऑडियंस के साथ तालमेल बिठाने के लिए थोड़ा टाइम चाहिए होगा और ऑडिएंस को आपके साथ तालमेल बिठाने के लिए थोड़ा टाइम चाहिए होगा।
अपनी ऑडिएंस को बड़ी सी स्माइल के साथ ग्रीट करें
एक स्माइल जंगल की आग की तरह फैल जाती है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि कमरे में माहौल कितना सीरियस है, एक फ्रेंडली और वार्म ग्रीटिंग बेशक रूम की टेंशन को काम करेगा और आपकी ऑडियंस पर आपका अच्छा इम्प्रेशन छोड़ेगा। इस पल में खुद को इन्वेस्ट करें, और ऑडियंस को बताएं कि आपको यहाँ रहने में कितना मजा आता है।
मूवमेंट करते रहें
ग्रुप के सामने बोलते टाइम, क्या आपने कभी ऐसा महसूस किया है कि आप प्रेशर कुकर में हैं? क्या आपको यह जानने की ज़रूरत है कि प्रेशर में बोलते टाइम जल्दी से कैसे सोचना है? बोलने वाली नसें स्ट्रेस हॉर्मोन्स को रिलीज़ करती हैं जो आपको खतरे से लड़ने या वहाँ से भागने के लिए एन्करेज करती हैं। कॉन्स्टिपेशन की तरह, मोशनलेस रहने पर प्रेशर और बढ़ता है। इसलिए परफॉर्म करते टाइम मूवमेंट करते रहें।
अगर आप अपनी चिंताओं को नज़रअंदाज़ करना छोड़ दें और उन्हें कम करने और मैनेज करने के लिए, नई तकनीकों को सीखने के लिए तैयार हैं तो आप अपना कॉन्फिडेंस और खुदपर ट्रस्ट फिर से पा सकते हैं। अपने डर का सामना करके, आप परफॉर्मेंस एंग्जायटी को दूर कर सकते हैं और लोगों के सामने खुद को व्यक्त करने में कम्फर्ट और ईज पा सकते हैं।
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