लास्ट टाइम ऐसा कब हुआ जब पीरियड्स के बारे में बात करते हुए आपने अपनी आवाज धीरे नहीं की थी? जब भी इस टॉपिक पर डिस्कशन होता है तो सबकी आवाज अपने आप ही धीरे हो जाती है। इससे पता चलता है कि महिलाओं को आज भी पीरियड्स हाइजीन को मेन्टेन करने की नॉलेज नहीं है क्योंकि उन्हें सही टाइम पर सही नॉलेज देने के लिए कोई है ही नहीं।

“पीरियड्स” के बारे में सालों से चले आ रहे मिथ्स की वजह से ही हमारे देश की ज्यादातर महिलाएं मेंस्ट्रुअल हाइजीन के बारे में कुछ नहीं जानती हैं। पीरियड्स के दौरान, गांवों और छोटे शहरों में महिलाएं आज भी पुन: रियूसेबल गंदे कपड़े का इस्तेमाल करती हैं। क्योंकि पीरियड्स को अशुद्ध माना जाता है, इसलिए कुछ घरों में महिलाओं को गंदे कपड़े को अच्छी तरह से धोने के लिए डिटर्जेंट यूज़ करने की परमिशन नहीं है।
ये सब देखते हुए पंखुड़ी की महिलाओं ने इन बैरियर्स को तोड़ने और मेंस्ट्रुअल हाइजीन के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकार देने का बीड़ा उठाया है। आइए हम अपने बिजी स्केड्यूल में से कुछ वक़्त निकालें और खुद को एड्यूकेट करें। लेकिन उससे भी पहले, आइये मेंस्ट्रुएशन से जुड़े कुछ मिथ्स के बारे में बात करते हैं जिनका भंडाफोड़ करना बहुत जरुरी है।
बर्स्टिंग मिथ्स :
डेंजरस टेम्पॉन्स !
टैम्पोन के बारे में सबसे कॉमन मिथ यह है कि वे हाइमन की लेयर को ब्रेक कर सकते हैं या फिर ये अंदर खो सकते हैं। हाइमन एक तरह की स्ट्रेची लेयर है जो वेजाइना की ओपनिंग में होती है लेकिन यह वेजाइना को पूरी तरह से कवर नहीं करती है। टेम्पॉन्स कई साइज में मार्किट में अवेलेबल होते हैं। आप अपने वेजाइना के साइज के हिसाब से टेम्पोंस सेलेक्ट कर सकते हैं। टेम्पॉन्स में स्ट्रिंग होता है जो वेजाइना के बाहर रहता है, इसलिए अगर आपका टैम्पॉन ऊपर चढ़ता भी है तो आप स्ट्रिंग की हेल्प से उसे बाहर निकल सकते हैं।
फिजिकल एक्टिविटीज से मेंस्ट्रुअल फ्लो डिस्टर्ब होता है
ये एक ऐसा पॉइंट है जो पीरियड्स के दौरान हमें अक्सर सुनने को मिलता है। हमें बार बार यही बताया जाता है कि मेंस्ट्रुएशन के वक़्त हमें वर्कऑउट्स चाहिए, सिर्फ आराम करना चाहिए। हाँ, आराम करने वाली बात फिर भी ठीक है क्यूंकि हमारी बॉडी को ब्लड लॉस से निपटने के लिए रेस्ट चाहिए होता है। और कुछ लोगों को मेंस्ट्रुएशन के दौरान क्रैम्प्स और वीकनेस की शिकायत भी होती है उनके लिए रेस्ट जरुरी है। लेकिन एक्ससरसीसिंग से भी मेंस्ट्रुअल पैन और क्रैम्प्स से काफी रिलीफ मिलता है।
जब आप एक्सरसाइज स्टार्ट करते हैं तो आपका ब्रेन एंडोर्फिन रिलीज़ करता है जो फील-गुड हार्मोन हैं। एंडोर्फिन आपके ब्रेन से पैन रिसेप्टर्स को ब्लॉक करते हैं, जिससे आपको क्रैम्प्स से बहुत राहत मिलती है। एरोबिक एक्सरसाइज जैसे ब्रिस्क वॉकिंग एंडोर्फिन रिलीज़ कर सकता है और दर्द से राहत दे सकता है।
हमें अपनी वेजाइना को वॉश करने की जरुरत है ?
इसका जवाब है नहीं! आपको अपनी वेजाइना वॉश करने की जरुरत नहीं है लेकिन आपको वॉश करनी चाहिए। वैजिनल कनल आपकी बॉडी की इनर कनल होती है। और “वल्वा” वेजाइना की आसपास की स्किन को कहा जाता है।
वेजाइना को वॉश करने से कुछ प्रोब्लेम्स भी हो सकती हैं। आपकी वागिना में बहुत सारे “गुड” बैक्टीरिया होते हैं, जो इसे खुद क्लीन करते हैं। ये बैक्टीरिया आपकी बैक्टीरिया वेजाइना पीएच लेवल को भी बैलेंस करते हैं। एसिडिक पीएच की वजह से, “बेड” बैक्टीरिया को आपकी वेजाइना को इन्फेक्ट करने में मुश्किल होती है। इसलिए, डॉक्टर्स हमेशा अपने वल्वा को रेगुलरली सिर्फ गर्म पानी से धोने की सलाह देते हैं, ना कि आपकी वेजाइना को!
अब जब हमने मेंस्ट्रुएशन से जुड़े कुछ मिथ्स को दूर कर दिया है, तो यहां कुछ क्विक आइडियाज हैं, जिनकी हेल्प से आप मेंस्ट्रुएशन पैन से राहत पा सकती हैं:
चेंज रेगुलरली :
मेंस्ट्रुअल ब्लड आपकी बॉडी से निकलने के बाद दूषित हो जाता है। इसलिए आपको हर 3 से 5 घंटे में अपना पेड चेंज करना चाहिए। ये रूल उनके लिए भी है जिन्हे कम ब्लीडिंग होती है क्योंकि आपका पेड तब भी गीला रहता है। ज्यादा वक़्त तक एक ही पेड यूज़ करने से ब्लड में होने वाले बैक्टीरिया से आपको यूरिन इन्फेक्शन, वेजाइनल इन्फेक्शन, स्किन रैशेस जैसी परेशानियाँ हो सकती हैं। इसलिए रेगुलरली अपने पेड को चेंज करते रहें।
सेनिटाइज़शन के मेथड चूज़ करें:
आज क्लीन और हाइजीनिक रहने के लिए हमारे पास सैनिटरी नैपकिन, टैम्पोन और मेंस्ट्रुअल कप जैसे कई ऑप्शंस हैं। इंडिया में ज्यादातर अनमैरिड लड़कियां सैनिटरी नैपकिन यूज़ करना पसंद करती हैं। अगर आप टेम्पॉन्स यूज़ करना चाहतेह हैं तो शुरुआत में लोअर अब्सॉर्बेंसी रेट वाले टेम्पॉन्स चूज़ करें क्यूंकि बार बार टेम्पॉन्स स्विच करना आपके लिए थोड़ा डिफिकल्ट हो सकता है। ऐसे ही बार बार सेनिटाइज़शन मेथड चेंज करना भी आपके लिए डिफिकल्ट हो सकता है अपनी सहूलियत के हिसाब से बहुत ध्यान से ऑप्शंस चूज़ करें।
पैड रैश से रहें सावधान :
पैड रैश एक ऐसी चीज है जो आपको बहुत ज्यादा फ्लो होने पर हो सकती है। नॉर्मली यह तब होता है जब पैड लॉन्ग टाइम तक गीला रहता है और थाइस के अगेंस्ट रगड़ता है। अगर आपको रैशेज हो जाते हैं, तो अपने पैड्स को रेगुलरली चेंज करते रहें। नहाने के बाद और सोने से पहले, रेशेज़ को ठीक करने के लिए एंटीसेप्टिक क्रीम लगाएं। अगर उसके बाद भी रैशेज़ ज्यादा प्रॉब्लम करते हैं, तो अपने डॉक्टर से मिलें, वे आपको रशेस एरिया को ड्राई करने के लिए मेडिकेटिड पाउडर प्रिस्क्राइब करेंगे जिससे आपको राहत मिलेगी।
मेंस्ट्रुअल हाइजीन हमारी ज़िन्दगी का एक एसेंशियल पार्ट है। जिसके बारे में एक बार में एक्सप्लेन नहीं किया जा सकता। अब टाइम आ गया है कि हम पुराने ज़माने की मिथ्स को पीछे छोड़कर अपनी हेल्थ और बॉडी पर फोकस करें और अपने आस पास के लोगों को भी एड्यूकेट करें।