चेंजिंग बॉडीज़, बॉडी हेयर और मेंस्ट्रुएशन! ये सभी हमारी ह्यूमन बॉडी का एक इम्पोर्टेन्ट पार्ट है। एक पेरेंट्स की तरह, जब भी हमारे बच्चे इस टॉपिक पर बात करने आते हैं, तो हम हमेशा उस कन्वर्सेशन को इग्नोर करने की कोशिश करते हैं। लेकिन, एज़ अ पेरेंट्स हमें समझना चाहिए कि उन्हें कभी ना कभी तो इस बारे में पता चलना ही है। भले ही आपको कितना भी अन-कम्फ़र्टेबल लगे, फिर भी आपको किसी ना किसी तरीके से अपने बच्चों से इस जरुरी टॉपिक पर एक जनरल कन्वर्सेशन स्टार्ट करनी चाहिए।

अगर आप नहीं जानते कि आपको कन्वर्सेशन कहां से शुरू करनी चाहिए, तो ये ब्लॉग आपके लिए ही है। आज के लिए मैं आपकी गाइड बनूँगी और समझाउंगी कि आपको कैसे “वो बात” स्टार्ट करनी चाहिए।
शुरूआत कहाँ से करें ?
हो सकता है कि आप बहुत जल्दबाजी में चीज़ों को शुरू करना चाहते हैं। फिर भी आपको कहीं से तो शुरुआत करनी होगी! आज कल बच्चों को पहले से ही इस टॉपिक के बारे में पहले से ही थोड़ा बहुत पता होता है, और वो इस टॉपिक पर खुल कर डिस्कस करने के लिए कुछ ज्यादा ही क्यूरियस होते हैं। इसलिए पेरेंट्स के रूप में यह आपकी ज़िम्मेदारी है कि आप उस क्यूरिऑसिटी को सेटिस्फाई करें। 6-7 साल की उम्र तक बच्चों को पीरियड्स की बेसिक अंडरस्टैंडिंग हो जाती है। अगर वे कोई प्रश्न पूछते हैं, तो उन्हें पूरे सब्जेक्ट पर क्रेडिबल इंफॉर्मेशन प्रोवाइड करने की अपॉर्च्युनिटी का लाभ उठाएं। अगर वे इस टॉपिक को आपके पास नहीं लाते हैं, तो ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि वे आपके साथ इस पर टॉपिक पर डिस्कस करने में कम्फर्टेबल ना हों। एज़ अ रिजल्ट, ये हमारे हाथ में है कि आप उन्हें कैसे शांत करके नेचुरली इस टॉपिक को उनके सामने उठायें क्योंकि किसी भी केस में उन्हें मेंस्ट्रुएशन के बारे में पता होना ही चाहिए।
मेंस्ट्रुएशन पर ‘बात’ कैसे करें?
शुरू करने से पहले, ध्यान रखें कि ये सिंपल बायोलॉजी है जिसे आपका बच्चा हैंडल कर सकता है। कन्वर्सेशन से भागे नहीं और अपने बच्चे के नॉलेज लेवल के हिसाब से फैक्ट्स को उनके सामने रखें। उन्हें बताएं कि मेंस्ट्रुअल साइकिल एक बहुत ही नॉर्मल पार्ट है और यह कोई बड़ी बात नहीं है। अगर वे आपके पीरियड प्रोडक्ट्स के बारे में आपसे सवाल करते हैं, तो उन्हें जेनुइन आंसर्स दें और ध्यान रखें कि आप प्राइवेट पार्ट्स को डिस्क्राइब करने के लिए सही शब्दों का यूज़ करना चाहिए ना कि सिली और बचकाने शब्दों का। अगर वे आपकी बात सुनकर अन-इजी फील करते हैं, तो ऐसे कई ऑनलाइन मल्टीपल रिसोर्सेज अवेलेबल हैं जो आपके बच्चों की चेंजिंग बॉडी नॉलेज पर रोशनी डालते हैं।
क्या लड़कों को भी यह जानने की जरूरत है?
अम्म्म, मेरा मानना है कि इसका आंसर पूरे ब्लॉग में मेरी जेंडर- न्यूट्रल लैंग्वेज में आपको मिल ही गया होगा। मैंने एक बार भी ‘लड़की’ का जिक्र नहीं किया है और इस पर फोकस किया कि मैं ‘बच्चे’ शब्द पर बार-बार जोर दूं। तो हाँ – एक बड़ी सी हाँ!! लड़कों को भी इसके बारे में पता होना चाहिए। आखिर वे भी प्यूबर्टी स्टेज में आ ही जाते हैं ना? जो आप कर रहे हैं वो जनरल अवेयरनेस ही है इसलिए किसी भी तरह से इस टॉपिक को इग्नोर करने की कोशिश ना करें। अगर आप चाहते हैं कि आपके मेल चाइल्ड अपनी सिग्नीफिकेंट फीमेल इंडिविजुअल के प्रति सपोर्टिव और कंपेशनेट हों, तो उन्हें पूरे पीरियड टॉक में शामिल करें। इस मेंटेलिटी से छुटकारा पाएं कि यह ‘सिर्फ लड़कियों के लिए’ के लिए ही है।
अब टाइम आ गया है कि हम टेबूज़ को खत्म करें और आगे बढ़ें, और पीरियड टॉक को शैम का टॉपिक न बनने दें। इसके आस-पास का स्टिग्मा हाईएस्ट पॉइंट पर पहुंच गया है और इसके रिजल्ट्स किसी और को नहीं बल्कि हम लेडीज को भुगतना पड़ता है। मेंस्ट्रुएशन कन्वर्सेशन को नॉर्मलाइज़ करें, इसे डिस्कशन टेबल पर लाएं और इसे एक सिंपल बायोलॉजिकल प्रोसेस के रूप में पेश करें। टेबूज़ को तोड़ें और सोसाइटी में पॉजिटिव चैंजेस लाएं।