लाइफस्टाइल अनहेल्दी हो तो गड़बड़ तो होनी ही है..लेकिन ऐसी लाइफस्टाइल का सबसे ज़्यादा असर आपके डाइजेशन पर पड़ता है! आप अंदाजा नहीं लगा सकते हैं कि जो एसिडिटी से परेशान होता है, उन्हें कितनी बैचेनी और तकलीफ़ होती है। अनहेल्दी फूड हैबिट्स की वजह से ये प्रॉब्लम बनी ही रहती है। आपके या आपके फैमिली में कोई एसिडिटी से परेशान है, तो उससे छुटकारा पाने के लिए क्या कर रहे हैं? क्या आपने इससे छुटकारा पाने के लिए कोई कोशिश की है या फिर टेम्पररी कोई मेडिसिन से काम चल रहा है। बेहतर होगा कि आप योगा पर स्विच करें।
योगा में ऐसे कुछ पोज़ हैं, जो कि एसिडिटी की परेशानी को दूर करने में हेल्प करेंगे। अच्छी बात यह है कि इन योगा पोज़ की रेग्यूलर प्रैक्टिस से एसिडिटी की प्रॉब्लम हमेशा के लिए खत्म हो सकती है।
यहाँ हम बता रहे हैं 4 इफ़ेक्टिव योगा पोज़ जो कि एसिडिटी की प्रॉब्लम से छुटकारा दिलाएंगे।
1. पवनमुक्तासन
सबसे पहले मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। पैरों को एक साथ रखें और अपने हाथों को बगल में चिपकाकर रखें। इनहेल करें, फिर एक्सहेल करें और अपने दोनों घुटनों को अपनी छाती की तरफ लाएं।
अपनी थाइज़ को अपने चेस्ट से दबाएं और अपने हाथों को अपने पैरों के चारों ओर पकड़ें।
कुछ देर के लिए इस पोज़ में रहें और फिर हाथों को हटाते हुए नॉर्मल पोज़िशन में आ जाएं। यह पोज़ हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम को बेहतर रखने में हेल्प करता है। इस पोज़ की डेली प्रैक्टिस करें और एसिडिटी से रिलीफ़ पाएं।
2. वज्रासन
योगा मैट पर घुटने के बल बैठ जाएं। घुटनों और एंकल्स को पीछे की ओर मोड़ें और पैरों को पैरों की सीध में रखें। आपके पैरों के निचले हिस्से को पंजों को छूते हुए ऊपर की ओर होना चाहिए।
अपने पैरों पर वापस बैठें और नॉर्मली एक्सहेल करें। आपके बटक्स को एड़ियों पर और थाइज़ को आपके काल्व्स पर रहने दें।
आप अपनी स्पाइन, नेक और हेड को सीधा रखें। अपनी आंखें बंद करें और डीप ब्रीदिंग शुरू करें।
अपने हाथों को अपनी थाइज़ पर रखें और उसी समय ब्रीद करें। हर मील के बाद आपको इस पोज़ में बैठना चाहिए। यह पोज़ आपको डाइजेस्टिव प्रॉब्लम्स को सॉल्व करने में हेल्प करेगा।
3. त्रिकोणासन
सीधे खड़े हो जाएं और अपने पैरों के बीच कम से कम 3 फीट की दूरी रखें। अपने दोनों हाथों को साइड में फैलाएं और उन्हें कंधों के बराबर रखें।
धीरे-धीरे इनहेल करते हुए लेफ्ट हैंड को ऊपर उठायें और बॉडी को राइट में बेंड करें। राइट हैंड नीचे की ओर हो और फिंगर्स टोज़ की तऱफ पॉइन्टेड हो। बॉडी का ऑप्टिमम बैलेंस बनाए रखें।
फाइनल पोज़िशन के दौरान डीप ब्रीद लें और एक्सहेल करते हुए बॉडी को रिलेक्स करें।
दूसरी साइड भी सेम प्रोसेस रिपीट करें और इस पोज़िशन में कम से कम एक मिनट तक रहें।
4. मार्जरासन
यह बहुत ही आसान पोज़ है। एसिडिटी से रिलीफ़ पाने के अलावा भी इसके ढेरों फायदें हैं। यह पोज़ ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है। साथ ही स्पाइन को फ्लैग्ज़िबल बनाता है।
सबसे पहले टेबल की तरह पोज़िशन बना लें। इसके लिए घुटनों और हाथों के बल आ जाएं। हाथ एकदम सीधे हों। अब एक्सहेल करते हुए सिर को चेस्ट की तरफ ले जाएं और ऊपरी कमर को बाहर की तरफ गोल करें। इस पोज़ में आपकी ऊपरी पीठ स्ट्रेच होगी।
अब इनहेल करते हुए सिर को छत की तरफ ले जाएं। ऊपरी कमर को अंदर की तरफ गोल करें। इस पोज़ में आपका चेस्ट स्ट्रेच होगा।
बस अब कोई बहाना नहीं, कोई आलस नहीं…अगर एसिडिटी को छूमंतर करना है तो इन योगा पोज़ को ज़रूर अपने रूटीन में शामिल करें। अगर आप इन्हें रेग्यूलरली करेंगे तो खुद फर्क फ़ील करेंगे कि आपका डाइजेस्टिव सिस्टम बहुत स्मूथ हो गया है।