हमारी सोसाइटी में, आज भी हम महिलाओं को पुरुषों की तुलना में बहुत छोटा माना जाता है। लेकिन जब इन्वेस्टमेंट की बात आती है, तो ये बहुत सरप्राइसिंग बात है कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं एक बेहतर इन्वेस्टर होती हैं। सबसे बड़ा रीज़न ये है कि हम हेल्प मांगने से कभी नहीं शर्माते हैं और हमेशा नई स्किल्स को सीखने के लिए क्यूरियस रहते हैं।
लेडीज में सेविंग्स स्किल्स इन्बॉर्न होती हैं। यही वजह है कि जब हम कहते हैं कि हम लेडीज कई लेवल्स पर पुरुषों से बेहतर परफॉर्म करती हैं तो यह सबको शॉकिंग लगता है। लेकिन जब भी हम लेडीज को नीचा दिखाया गया है, तो हमने हमारी काबिलियत को हमेशा साबित किया है।
हम लेडीज जेंट्स से बेहतर इन्वेस्टर्स क्यों हैं इसके 5 रीज़न्स मैंने नीचे लिस्ट आउट किये हैं। तो चलिए उन पर एक नज़र डालें।
1. कम्पीटेन्स
आइए एक बुनियादी रीज़न से शुरू करें कि लेडीज इन्वेस्टमेंट में बेहतर क्यों हो सकती हैं: सिर्फ इसलिए क्योंकि ‘वे कर सकती हैं’। जब हम फाइनेंस के बारे में बात करते हैं, तो हम इसे हमेशा अपनी फैमिली के आदमियों के साथ कनेक्ट करते हैं। हम इस फैक्ट को इग्नोर कर देते हैं कि लेडीज में भी इस फील्ड में काफी पोटेंशियल होती है और जाने अनजाने में हम उनकी बॉउंड्रीज़ को और भी श्रिंक कर देते हैं।
अब आप थोड़ा टाइम निकालिये और अपने ऑब्सेर्वशन्स के हिसाब से इन क़्वेशन्स का जवाब दीजिये। आपके घर में फाइनेंस का बेहतर मैनेजमेंट कौन करता है? खर्च करने वाला कौन है और बचाने वाला कौन है?
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तो, लेडीज भी इन्वेस्टिंग में बेहतर क्यों नहीं हो सकतीं?
2. ड्राइव टू क्यूरियोसिटी
लेडीज हमेशा अपने आस-पास की चीजों को जानने के लिए एक्साइटेड रहती हैं और सवाल पूछकर और रेलेवेंट जवाब मांगकर अपनी क्यूरिऑसिटी को सैटिस्फाई करती हैं। दूसरी ओर, जेंट्स हमेशा अपनी इंस्टिंक्टस को ट्रस्ट करते हैं और उन्ही के हिसाब से चलते हैं। नया टास्क शुरू करने से पहले नई चीजें सीखने और उनकी एक क्लियर पिक्चर पाने की इच्छा लेडीज को एक कदम आगे कर देती है।
3. ओपन-माइंडेडनेस
लेडीज का माइंड फ्रेम उन्हें सजेशंस के लिए ओपन रहने देता है और उन सजेशंस को फॉलो भी करता है, चाहे वे कितने भी बेतुके लगें। लेडीज का माइंड सेट ही उनके लिए एक एक्स्ट्रा बोनस है। वहीँ, जेंट्स टफ क्रीएचर होते हैं, जो अपने मेल ईगो पर चलते हैं, और दूसरों के पॉइंट ऑफ़ व्यू पर हमेशा डाउट करते हैं। इसलिए, उनमें एक्सेप्टेन्स की कमी होती है, जो सबसे एसेंशियल क्वालिटीज़ में से एक है।
4. रिसर्च
किसी भी चीज में एफर्ट्स डालने से पहले, लेडीज हमेशा प्रॉपर रिसर्च करती हैं। किसी भी कंक्लूशन पर पहुँचने से पहले वे रिसर्च करके पायी हुई नॉलेज और इंफॉर्मेशंस को फिर से अच्छी तरह से चेक करती हैं।
एक बार जब उन्हें अपने डिजायर्ड आउटकम की क्लियर पिक्चर मिल जाती है, तो वे अपनी स्ट्रेटेजी पर काम करना शुरू करती हैं। लेकिन इस क़्वालिटी को रिफ्यूज़ करते हुए जेंट्स खुद को ‘मिस्टर-जो सब जानते हैं’ समझ लेते हैं और चीजों को पूरी तरह से उनकी अंडरस्टैंडिंग के बेसिस पर इम्प्लीमेंट करते हैं।
5. सेफ प्ले करना !
माना कि लेडीज बहुत डेरिंग होती हैं, लेकिन वे रिस्क नहीं उठाती हैं। वे किसी भी टास्क में अपनी रेशनेलिटी को इम्प्लाई करती हैं और उसे कम्पलीट करने से पहले हर पॉसिबल एन्ड रिजल्ट के बारे में सोच लेती हैं। वहीं, जेंट्स अपनी बोल्डनेस और मेल ईगो के बीच एक कनेक्टिंग लाइन ड्रॉ कर लेते हैं और खुद को रेकलेस सिचुएशन्स में डाल लेते हैं। लेकिन पछताने से अच्छा है सेफ रहना।
हमेशा याद रखें, दुनिया की ज्यादातर टॉप फीमेल इन्वेस्टर्स को शुरुआत में सीरियसली से नहीं लिया गया था। लेकिन इससे वह पीछे नहीं हटीं। इसलिए अपना कॉन्फिडेंस बूस्ट करें और आगे बढ़ते रहें। सोसाइटी को अपनी आत्मा को नीचे धकेलने न दें। मैं एक अच्छी इन्वेस्टर हूं और प्रैक्टिस के साथ आप भी एक अच्छी इन्वेस्टर बन सकती हैं।